गेहूँ के मुख्य रोग एवं प्रबंधन
सार
गेहूँ प्रमुख खाद्य फसलों में से एक है। गेहूँ में रोग, उपज हानि का एक प्रमुख कारण हैं। अतः गेहूँ की अधिक उपज प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक हो जाता है कि हम यह जान लें की गेहूँ की फसल में होने वाले रोग कौन-कौन से हैं, उनके लक्षण क्या हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है। गेहूँ के अधिकांश रोग कवक के कारण होते हैं, जो कभी-कभी फसल को अत्यधिक नुकसान पहुँचाते हैं। गेहूँ की फसल में अनेक रोग लगते हैं जिनमें रतुआः धारीदार/पीला, पर्ण/ भूरा एवं तना/ काला रतुआ; खुली कांगियारी; चूर्णी रोग (पाउड़री मिल्डयू) आर्थिक रूप से अधिक नुकसानदायक हैं।
गेहूँ रोगों की व्यापकता पर पर्यावरणीय परिस्थितियों में भिन्नता का बड़ा प्रभाव है। सामान्य तौर पर, रोगज़नक़ इनोकुलम, जैविक कारक, साथ ही साथ नमी, तापमान और हवा; पर्यावरणीय कारक, रोगों के महामारी प्रसार को प्रभावित करने वाले सबसे महत्वपूर्ण निर्धारक हैं।