गेंदा फूल की वैज्ञानिक खेती-किसान की आय का स्रोत

लेखक

  • धन सिंह कृषि विज्ञान और ग्रामीण विकास स्कूल, नागालैंड विश्ववविद्यालय (केंद्रीय विश्ववविद्यालय) मेद्जिफेमा कैंपस, नागालैंड, 797106
  • नवदीप कुमार कृषि विज्ञान और ग्रामीण विकास स्कूल, नागालैंड विश्ववविद्यालय (केंद्रीय विश्ववविद्यालय) मेद्जिफेमा कैंपस, नागालैंड, 797106
  • मनीष कुमार सोनकर पल्ली शिक्षा भवन विश्वा भारती विश्वविद्यालय, श्रीनिकेतन पश्चिम बंगाल, 731235

सार

गेंदा (टैगेट्स स्पी. ) एस्टेरेसी परिवार के जीनस टैगेट्स से संबंधित है। मैक्सिको तथा दक्षिण अमेरिका मूल का गेंदा भारत के मैदानी इलाकों में पूरे साल सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है। गेंदे का भारत में फूलों के व्यवसाय में एक महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि इसका व्यापक रूप से धार्मिक और सामाजिक अवसरों पर उपयोग किया जाता है। वैज्ञानिक तकनीक से खेती करने पर गेंदा, धान और दलहनी फसलों की तुलना में कई गुना अधिक फायदेमंद होता है। एक हेक्टेयर गेंदे की फसल से 55-75 हजार रुपये तक का लाभ उठाया जा सकता है, जबकि धान से लगभग 32,000-35,000 रुपये और अरहर से 13,000-15,000 रुपये मिलते हैं। आमदनी अधिक होने के कारण देशभर में गेंदे की खेती पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। ताकि भारत के छोटे किसान भी इसकी खेती कर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाकर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकें। साल भर उपलब्धता के कारण इसकी मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

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Author Biographies

धन सिंह, कृषि विज्ञान और ग्रामीण विकास स्कूल, नागालैंड विश्ववविद्यालय (केंद्रीय विश्ववविद्यालय) मेद्जिफेमा कैंपस, नागालैंड, 797106

बागवानी विभाग

नवदीप कुमार, कृषि विज्ञान और ग्रामीण विकास स्कूल, नागालैंड विश्ववविद्यालय (केंद्रीय विश्ववविद्यालय) मेद्जिफेमा कैंपस, नागालैंड, 797106

बागवानी विभाग

मनीष कुमार सोनकर, पल्ली शिक्षा भवन विश्वा भारती विश्वविद्यालय, श्रीनिकेतन पश्चिम बंगाल, 731235

बागवानी एवं प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी विभाग

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प्रकाशित

2022-12-24

How to Cite

सिंह ध., कुमार न., & सोनकर म. क. (2022). गेंदा फूल की वैज्ञानिक खेती-किसान की आय का स्रोत. कृषि किरण, 14(14), 23–27. Retrieved from https://journals.saaer.org.in/index.php/krishi-kiran/article/view/543