ग्रामीण क्षेत्रों मे कृषि उधमिका: आज के समय की जरुरत

लेखक

  • बाबू लाल धायल चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा
  • ओम प्रकाश जीतरवाल चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा
  • केशर मल चौधरी श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर, राजस्थान
  • परवीन चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा

सार

खेती में बढ़ती लागत व घटते लाभ के कारण युवाओ का खेती के प्रति आकर्षण कम होता जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रो के युवा शहरो की तरफ पलायन कर रहे है।  ऐसी स्थिति में कृषि उधमिता को अपनाकर नये रोजगार के अवसर सृजित कर सकते है। साथ-साथ ही शहरी पलायन को भी रोका जा सकता है। आज के समय में शुद्ध आर्गेनिक खाने की मांग बढ़ रही है सभी लोग अब स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो गये है। इसलिए ग्रामीण युवा कृषि उधमिका के माध्यम से अनेक प्रकार के रोजगार सृजन कर जैसे कृषि पर्यटन, मुर्गीपालन, पशुपालन, मत्स्य पालन, मशरूम की खेती आदि द्वारा शहरी क्षेत्रो में शुद्ध सब्जी, फल, अनाज, अंडा आदि पहुँचाकर अधिक से अधिक आमदनी अर्जित कर सकते है। कृषि उधमिका आज के समय की जरूरत है ताकि ग्रामीण युवा आय के साधन जुटा सके।

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प्रकाशित

2022-12-24

How to Cite

धायल ब. ल., जीतरवाल ओ. प., चौधरी क. म., & परवीन. (2022). ग्रामीण क्षेत्रों मे कृषि उधमिका: आज के समय की जरुरत. कृषि किरण, 14(14), 17–22. Retrieved from https://journals.saaer.org.in/index.php/krishi-kiran/article/view/531

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