ड्रोन प्रौद्योगिकी - भारतीय कृषि में इसका अनुप्रयोग
सार
ड्रोन, जिसे मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) के रूप में भी जाना जाता है, इसमें देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करके भारतीय कृषि में क्रांति लाने की क्षमता है। ड्रोन नियम 2021 ने देश में नागरिकों और व्यवसायों के लिए ड्रोन का स्वामित्व और संचालन करना आसान बना दिया है तथा अनुमति प्राप्त करने के शुल्क को भी नाममात्र के स्तर तक घटा दिया गया है। ड्रोन में कई विशेषताएं हैं, जैसे कि मल्टी-स्पेक्ट्रल और फोटो कैमरा इत्यादि। यह कृषि के कई पहलुओं में भी उपयोग किया जा सकता है, जिसमें फसल तनाव की निगरानी, पौधों की वृद्धि, पैदावार की भविष्यवाणी करना और कीटनाशकों, उर्वरक और पानी का वितरण करना शामिल है। ड्रोन का उपयोग किसी भी वनस्पति या फसल के स्वास्थ्य का विश्लेषण साथ ही साथ खरपतवार, रोगों और कीटों से प्रभाविते क्षेत्रों और इन उपद्रवों से निपटने के लिए आवश्यक रसायनों की सटीक मात्रा का आकलन करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।