कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों में महिलाओं का योगदान

लेखक

  • मधु पटियाल भा.कृ.अनु.प-भा.कृ.अ.सं, क्षेत्रीय केंद्र शिमला
  • अंजना ठाकुर सी एस के एच पी के वी, पालमपुर
  • संतोष कुमार बिश्नोई भा.कृ.अनु.प आई आई डव्लू बी आर, करनाल

सार

हालांकि दुनिया की लगभग आधी कृषि श्रम शक्ति महिलाओं की है, पर महिलाओं के पास 20 प्रतिशत से कम कृषि भूमि है। वहीं, अध्ययन में आया है कि दुनिया में लंबे समय से भूखे लोगों में से 60 प्रतिशत महिलाएं या लड़कियां हैं। इसलिए महिलाओं का सशक्तिकरण करना बेहद आवश्यक है क्योंकि जब महिलाएं पूरी तरह से कृषि में शामिल होती है तो लाभ तुरंत देखा जा सकता है जैसे कि: स्वस्थ परिवार; अधिक आय, बचत और अधिक निवेश । महिला किसानों की क्षमता का एहसास करने के लिए कृषि में लिंग विशिष्ट और लिंग संवेदनशील दृष्टिकोण, संरचनात्मक असमानताओं को संबोधित करना आवश्यक है। सक्षम और कुशल महिला कार्यबल से किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। समान पहुंच और अवसर सुनिश्चित करके कृषि में महिला कार्यबल का सशक्तिकरण भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मूलभूत परिवर्तन लाएगा, जिससे लाखों लोगों के जीवन में सुधार होगा।

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प्रकाशित

2022-12-24

How to Cite

पटियाल म., ठाकुर अ., & बिश्नोई स. क. (2022). कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों में महिलाओं का योगदान. कृषि किरण, 14(14), 28–31. Retrieved from https://journals.saaer.org.in/index.php/krishi-kiran/article/view/431

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