नील हरित शैवाल एवं अजोला का धान की खेत में उपयोग करे: किसान भाई

लेखक

  • प्रदीप कुमार सैनी
  • जितेन्द्र भाटी
  • शंभू प्रसाद

सार

नील हरित शैवाल जलीय पौधों का एक ऐसा समूह होता है, जिसे साइनो बैक्टीरिया भी कहा जाता हैं यह एक कोशिकीय जीवाणु है, जो काई के रूप/आकार का होता है।  जैसा की किसान भाइयों को पता होगा की इस जीवाणु को धान की फसल के लिए वायुमण्डलीय नाइट्रोजन को भूमि में संस्थापित कराने के उद्देश्य से उपयोग में लाया जाता है। नील हरित शैवाल का कार्य यह है की प्रकाश संश्लेषण से ऊर्जा ग्रहण करके वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का भूमि में स्थिरीकरण करता है।

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प्रकाशित

2022-01-25

How to Cite

सैनी प. क., भाटी ज., & प्रसाद श. (2022). नील हरित शैवाल एवं अजोला का धान की खेत में उपयोग करे: किसान भाई. Krishi Kiran - कृषि किरण, 12(-), 40–41. Retrieved from https://journals.saaer.org.in/index.php/krishi-kiran/article/view/398